रामलला के मंदिर में धार्मिक उत्सव: दर्शन के लिए कपाट खोले गए, भीड़ को काबू में करने के लिए तैनात 8 मजिस्ट्रेट्स

आयोध्या में रामलला के मंदिर में श्रद्धालुओं का धर्मार्थी मेला जारी है, जिसमें प्राचीन राम मंदिर के प्रमुख प्रतीक ‘रामलला’ के दर्शनों का अवसर प्राप्त हुआ है। मंगलवार को रात 3 बजे से ही दर्शन के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी।

मंदिर के प्रधान द्वार पर स्थित कपाटों को एक घंटे पहले ही खोल दिया गया था, जिससे लोगों को दर्शन के लिए पहुंचने में सुविधा हुई। इस मेले में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन किए हैं। इस उपलब्धि के साथ-साथ, सुरक्षा सुरक्षा के लिए 8 मजिस्ट्रेटों को तैनात किया गया है, जो भीड़ को काबू करने के लिए कार्रवाई कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस धार्मिक महोत्सव के दौरान अपने सोशल मीडिया पर वीडियो साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपने प्राण प्रतिष्ठा के दर्शन करते हुए भक्तों को शुभकामनाएं दी हैं। प्रधानमंत्री ने इस अद्भुत समय को देशवासियों के साथ साझा करते हुए लिखा, “हमने कल यानी 22 जनवरी को अयोध्या में जो देखा, वह आने वाले कई सालों तक हमारी यादों में बना रहेगा।”

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद 22 जनवरी को प्रधानमंत्री ने अपना 11 दिन का उपवास खोला, जिसके बाद मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं का मेला शुरू हो गया। इस महोत्सव को गोविंद देव गिरि ने भी उपस्थिति बनाए रखकर समृद्धि से सम्बोधित किया।

पूजा अर्चना के दौरान प्रमुख पुजारी सत्येंद्र दास ने इस समय को त्रेतायुग की तुलना में बताया, जो धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। इस मेले में लोगों को छोटे-छोटे ग्रुपों में बांटकर दर्शन की अनुमति दी जा रही है ताकि सुरक्षा का ख्याल रखा जा सके। विशेषज्ञों के अनुसार, इस उमड़ी भीड़ को देखकर दर्शन के लिए पहुंचने में कई घंटे लग सकते हैं।