संगठन में युवा व महिला भागीदारी पर जोर, हेट क्राइम के खिलाफ कानून, कांग्रेस ने रायपुर अधिवेशन में क्या-क्या फैसला लिया

रायपुर में 85वां कांग्रेस अधिवेशन चालू है। कांग्रेस पार्टी ने यह माना है कि संगठन में युवा व महिला भागीदारी पर जोर रहेगा। कांग्रेस ने हेट क्राइम के खिलाफ कानून की पैरवी का इरादा भी बनाया है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि एनडीए यानी मोदी सरकार से मुकाबला करने के लिए संयुक्त विपक्ष की जरूरत है।

नवा रायपुर : रायपुर में चल रहे अपने 85वें अधिवेशन से कांग्रेस जहां एक ओर अपने संगठन में सुधार को लेकर बड़े संकेत दिए, वहीं दूसरी ओर उसने देश की राजनीति को लेकर अपने राजनीतिक इरादे भी जाहिर किए। दरअसल शनिवार को महाधिवेशन में राजनीतिक, आर्थिक और अंतर्राष्ट्रीय प्रस्ताव के साथ-साथ कांग्रेस के संविधान संशोधन का प्रस्ताव भी रखा गया। अपने 56 सूत्रीय राजनीतिक प्रस्ताव में कांग्रेस ने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि तीसरी ताकत के उभरने से बीजेपी को फायदा होगा। आगामी 2024 के मद्देनजर बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस की ओर से कहा गया कि धर्मनिरपेक्ष ताकतों की एकता कांग्रेस पार्टी के भविष्य की पहचान होगी।

‘एनडीए से मुकाबला करने के लिए संयुक्त विपक्ष की जरूरत’
प्रस्ताव में कहा गया कि कांग्रेस समान विचारधारा वाली धर्मनिरपेक्ष ताकतों की पहचान कर उन्हें लामबंद करेगी। वहीं पार्टी का मानना है कि एनडीए का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त विपक्ष की फौरन जरूरत है। कांग्रेस ने देश में तीसरे मोर्चे के लिए के लिए की जा रही कोशिशों के मद्देनजर कहा कि किसी तीसरी ताकत के उभरने से बीजेपी/एनडीए को फायदा होगा। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना में सत्तारूढ़ दल बीआरएस, आप जैसे दल लगातार तीसरा मंच बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में इसका जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र में बीजेपी से मुकाबला करने के लिए यूपीए जैसे गठबंधन को पुनर्जीवित करने का वक्त आ गया है। कांग्रेस उन सभी दलों को साथ लेने को तैयार है, जो बीजेपी का विरोध करते हैं। कांग्रेस ने बीजेपी के इस दावे को कि देश में उनका कोई प्रतिस्पर्द्धी नहीं है, न सिर्फ हैरानी भरा और अंहकार से भरपूर करार दिया, बल्कि इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए एक चुनौती बताते हुए कहा कि कांग्रेस इस चुनौती को स्वीकार करती है।

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने अपने राजनीतिक प्रस्ताव वाले मसौदे में देश में हेट क्राइम को रोकने के लिए कानून लाने का वादा भी किया है। कांग्रेस का कहना था कि पिछले साढ़े आठ सालों में बीजेपी राज में नफरत की राजनीति और धार्मिक ध्रुवीकरण अपने चरम पर पहुंच गए हैं। नफरत आधारित अपराध और अत्याचार कई गुना बढ़ गए हैं। कांग्रेस का कहना था कि आज धर्म, जाति, लिंग के आधार पर नफरत व डर फैलाया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस हेट क्राइम को रोकने और दंडित करने के लिए एक नया कानून लेकर आएगी।

महाधिवेशन का एक अहम पहलू पार्टी संविधान में संशोधन भी है। जिसके तहत जहां एक ओर कांग्रेस वर्किंग कमिटी (सीब्डल्यूसी ) के सदस्यों की तादाद में बढ़ोतरी की गई है, वहीं सीब्डल्यूसी से लेकर संगठन में हर स्तर पर युवा व महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का प्रस्ताव पास हुआ है। संविधान संशोधन के प्रस्तावों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी सहित संगठन के हर स्तर पर महिला, युवा, दलित, आदिवासी, ओबीसी व अल्पसंख्यकों के लिए 50 फीसदी आरक्षण रहेगा। इसके अलावा, पार्टी ने महिला व युवा के लिए आरक्षण को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए गैर आरक्षित यानी सामान्य क्षेणी में भी 50 फीसदी स्थान युवा व महिला चेहरों को मौका देने का फैसला किया है। वहीं पार्टी ने युवाओं की परिभाषा 50 साल से कम उम्र के लोगों को आंका

बदलावों के बाद सीब्डल्यूसी के सदस्यों की तादाद 23 से बढ़कर 35 की गई है। इनमें 18 सदस्य चुने हुए और 17 मनोनीत होंगे। अभी तक CWC में 23 जमा दो (कांग्रेस अध्यक्ष व कांग्रेस संसदीय दल का नेता) 25 सदस्य होते हैं। बदलाव के बाद अब 35 के बाद कांग्रेस अध्यक्ष, कांग्रेस संसदीय दल का नेता, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष, कांग्रेस का प्रधानमंत्री, पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री और संसद के दोनों सदनों में दल के नेता इसके स्वाभाविक सदस्य होंगे। वहीं पार्टी ने बूथ स्तर से लेकर एआईसीसी तक संगठन में विभिन्न पदों पर 50 फीसदी आरक्षण महिला, युवा, दलित, आदिवासी, ओबीसी व अल्पसंख्यकों के लिए तय किया है। जबकि सामान्य क्षेत्री में भी 50 फीसदी भागीदारी महिलाओं व युवाओं को दी जाएगी। इसके अलावा, कांग्रेस ने सदस्यता प्रक्रिया को लेकर भी बदलाव किए हैं। कांग्रेस की सदस्यता शुल्क पांच रुपये से बढ़ाकर दस रुपये किया जा रहा है। जबकि सदस्यता फार्म में समाज की बदलती हकीकत को देखते हुए जहां एक ओर महिला, पुरुष के साथ-साथ थर्ड जेंडर का विकल्प रखा जाएगा, वहीं फार्म में पिता के नाम के साथ-साथ माता व पत्नी के नाम लिखने का विकल्प भी रहेगा। इस बदलाव में पार्टी एक बार फिर से मादक पदार्थों के सेवन पर रोक लगाने पर जोर दिया गया है।

नए बदलावों में मादक पदार्थों का दायरा बढ़ाया गया है। अब अल्कोहल सहित हर तरह के मादक व नशीले पदार्थों पर रोक लगाने की बात कही गई है। इतना ही नहीं, देश में बढ़ती आबादी और कांग्रेस सदस्यों को बढ़ती तादाद को देखते हुए कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस कमिटी व केंद्रीय कमिटी में सदस्यों का तादाद बढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। अभी तक हर आठ पीसीसी सदस्य पर एक एआईसीसी सदस्य होता है। अब हर छह पीसीसी सदस्य पर एक एआईसीसी सदस्य रहेगा। इससे एआईसीसी के सदस्यों की तादाद 1240 से बढ़कर 1653 हो जाएगी। वहीं एआईसीसी में मनोनीत सदस्यों की भागीदारी भी 15 से बढ़ाकर 25 फीसदी की जा रही है। संविधान संशोधन के मुताबिक, अब प्रदेश स्तर पर राजनीति मामलों की समिति बनाई जाएगी।